सम्राट अशोक और उसका धम्म



       अशोक महान (269 BC -232 BC)

        * बौद्ध ग्रंथ दिव्यावदान के अनुसार अशोक बिंदुसार की पत्नी सुभद्रांगी का पुत्र था।


* अशोक का शासनकाल 269BC -232BC तक माना जाता है।
                    *अशोक की पत्नियां*
1.देवी (शाक्यकुमारी )-सिंहली अनुश्रुतियों के अनुसार अशोक जब उज्जैन का प्रशासक नियुक्त था तब उसने विदिशा की इस कन्या से विवाह किया इसने पुत्र महेंद्र एवं पुत्री संघमित्रा को जन्म दिया।
2. करुकिवाई 
3. पदमावती -पुत्र धर्मविवर्धन (कुणाल ) को जन्म दिया ।सम्प्रति कुणाल का पुत्र था ।
4. तिष्यरक्षिता

* 272 ईसापूर्व में अशोक प्रधानमंत्री खल्लाटक सहायता से मौर्य साम्राज्य गद्दी पर बैठ जाता है लेकिन उसका विधि व्रत राज्याभिषेक 269 ईसा पूर्व में होता है।

                 *अशोक के अन्य नाम *

* सर्वप्रथम मास्की और गुज्जरा अभिलेख में इसका नाम अशोक मिलता है।
* अन्य अभिलेखों में अशोक को देवनामप्रिय ,देवनामप्रियदर्शी नाम से पुकारा गया है।

* भाब्रू अभिलेख मैं अशोक को प्रियदर्शी कहा गया है।

*पुराणों में अशोक को अशोक वर्धन कहा गया।

* अपने राज्याभिषेक के7 वर्ष अशोक ने कश्मीर एवं खोतान  के अनेक भागों को जीत का मौर्य साम्राज्य में मिला लिया ।
* कलहण की राजतरंगिणी के अनुसार अशोक ने कश्मीर में वितस्ता नदी किनारे श्रीनगर "और नेपाल में "ललितपट्टन" नामक नगर बसाए,।
अशोक ने पितृव्रत शासन का सिद्धांत दीया तथा लोक कल्याण को राजा का सबसे महत्वपूर्ण अंग  बताया और कौटिल्य के लोक कल्याण के आदर्श को आत्मसात  किया।
                    कलिग युद्ध (261 BC)
13 शिलालेख के अनुसार अशोक ने अपने राज्य अभिषेक के 8 वर्ष कलिंग पर आक्रमण किया
 कलिंग महानदी और गोदावरी के  बीच का  क्षेत्र था।
 हाथीगुंफा अभिलेख  से ज्ञात होता है कि कलिंग पर  नंदराज नाम का राजा शासन करता था और उसकी राजधानी तोसाली थी ।
युद्ध का कारण -1.अशोक संपूर्ण भारत को एक सूत्र मैं बांधना चाहता था।
2.कलिग हाथियों के लिये प्रसिद्ध था ।
3.समुद्र के किनारे होने के कारण अशोक ने विदेशी व्यापार करने की द्रष्टि से कलिग पर आक्रमण किया ।
युद्ध के परिणाम -1.कलिग को मौर्य साम्राज्यय में मिला लिया गया ।
2.      13 वे  शिलालेख के अनुसार कलिंग युद्ध में 1 लाख लोग मारे गए  डेढ़ लाख लोग  बंदी बना लिए  गए और इससे भी अधिक  व्यक्ति  भुखमरी और महामारी से मारे गए ।
कलिंग युद्ध का अशोक पर बहुत प्रभाव पड़ा उसने युद्बवादी  नीति का परित्याग कर दिया और वेरीकोस को त्याग कर दिया और भेरिघोस को त्याग कर धम्मघोष को अपना लिया ।

,* कलिंग युद्ध के बाद अशोक का साम्राज्य उत्तरी पश्चिमी सीमा प्रांत (अफगानिस्तान )से लेकर दक्षिण में कर्नाटक पश्चिम में काठियावाड़ एवं पूर्व में बंगाल की खाड़ी तक विस्तृत हो गया।
*सिंहली अश्रुतियों के अनुसार कलिग युद्ध के बाद अशोक के चचेरे भाई सुशील के पुत्र निग्रोध के प्रवचन सुनकर अशोक बौद्ध धर्म की ओर आकर्षित होता है तत्पश्चात मोगली पुत्र निस्स  के प्रभाव से अशोक पूर्णतया बंद हो जाता है लेकिन दिव्यावदान के अनुसार सम्राट अशोक बौद्ध धर्म में दीक्षित करने का श्रेय उपगुप्त नामक बौद्ध भिकछु को जाता है ।
* कल्हन  की राज तरंगिणी के अनुसार अशोक बौद्ध धर्म स्वीकार करने से पूर्व भगवान शिव का उपासक था।
* अशोक ने बौद्ध धर्म स्वीकार करने के बाद 3 वर्षों में अपनी साम्राज्य में 84000 स्तूपों का निर्माण करवा दिया।

                    *अशोक का धम्म*
 * अशोक के धम्म की  परिभाषा राहुलवाद सुत से ली गई है।
* अशोक दूसरे स्तंभ लेख में धम्म  की परिभाषा बताते हुए कहता है कि " अषासिनवे वहुकयाते दया दाने सचे सोचये माघवे साधवे " अर्थार्थ प्रत्येक व्यक्ति पापों से दूर रहे 'कल्याणकारी कार्य करें ,दया ,दान, सत्यय ,पवित्रता व मदुुता का आलम्बन करे वही धम्म हैं।
* अशोक तीसरे शिलालेख में कहता है कि मनुष्य प्रचंडता ,निष्ठुरता ,क्रोध, घमंड आदि का निषेद करे।
* अशोक का धम्म सार्वभौम धम्म था जिसका उद्देश्य प्राणी मात्र का कल्याण करना था
* अभिलेखों के अनुसार अशोक बौद्ध धर्म को फैलाने में भूमध्य सागर तक सक्रिय रहा अशोक ने धम्म का प्रचार धम्म यात्राओ से शुरू किया वह राज्य अभिषेक के 10 वे बर्ष   बोधगया की यात्रा पर और 20वे बर्ष लुंबिनी ग्राम की यात्रा पर गया उसने लुम्बिनी ग्राम को कर मुक्त कर दिया।
* अशोक ने बौद्ध धर्म स्वीकार करने के बाद आमोद प्रमोद की यात्राओं पर पाबंदी लगा दी और इनकी वजह धम्म यात्रायें  करने का आदेश दिया ।
* अशोक ने बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए धर्म प्रचारकों को नेपाल श्रीलंका, अफगानिस्तान ,सीरिया, मिस्र तथा यूनान भेजा उसने अपने पुत्र महेंद्र को बोधि वृक्ष का एक भाग देकर श्रीलंका भेजा श्रीलंका के राजा तिस्स ने बौद्ध धर्म को स्वीकार कर लिया और उसे अपना राज धर्म बना लिया और अपने आप को अशोक की करें देवनाम प्रिय की उपाधि दी।
* अशोक के शासनकाल में पाटलिपुत्र में तृ"तीय बौद्ध संगीति" का आयोजन मोगली पुत्र तिस्स की अध्यक्षता में हुआ और इसी समय "अभिधम्मपिटक" की रचना की गई।

***अनुसन्धान:- अशोक के शासनकाल में राज्य के कर्मचारि प्रादेशिको रज्जुको को प्रत्येक 5 में वर्ष धम्म प्रचार हेतु यात्रा पर भेजा जाता था जिसे लेखों में अनुसंधान कहा गया है।


***धम्ममहमात्र:- अशोक के पांचवें शिलालेख के अनुसार राज्याभिषेक के 14 वर्ष अशोक ने धम्म महामात्र की नियुक्ति की जिनका मुख्य कारण जनता में धर्म का प्रचार करना, लोगों को कल्याणकारी कार्य करने एवं दानशीलता के लिए प्रोत्साहित करना ,असहाय परिवारों की की आर्थिक सहायता करना था।

* सांची में सारनाथ के लघु स्तंभ लेख के अनुसार अशोक ने कौशांबी तथा पाटलिपुत्र खीमा माताओं को आदेश दिया कि संघ में फूट डालने वाले व्यक्तियों को बहिष्कृत किया जाए।
* प्रथम शिलालेख में अशोक ने पशुओं को वध न करने का आदेश दिया ।
* नवे शिलालेख में अशोक अंधविश्वासों के निरर्थक अनुष्ठान और यज्ञ होते थे उनकी निंदा करता है ।
* 7 वे शिलालेख  में अशोकसभी संप्रदाय के लोगों को सभी स्थानों पर रहने का अधिकार देता है।


अर्थार्थ विभिन्न धर्मों, जातियों, और संस्कृतियों को एक सूत्र में बांधने के लिए तथा प्रजा के नैतिक उत्थान के लिए अशोक ने जिन आदर्शो की संहिता प्रस्तुत की वही धम्म थी ।

 
अशोक की मृत्यु के बाद उसका साम्राज्य दुर्बल शासकों के अधीन हो गया वह अशोक अशोक के द्वारा बनाए गए नियमों का संचालन सही ढंग से नहीं कर सकेगी जिसके कारण धम्म महामात्र प्रजा के निजी मामलों में हस्तक्षेप करने लगे जिसके कारण अशोक का धम्म फलीभूत नहीं हो सका




अशोक प्रथम शासक हुआ जिसने अभिलेखों के माध्यम से अपनी प्रजा को संबोधित किया जिसकी प्रेरणा उसे ईरानी शासक डेरियस प्रथम से मिली 
बौद्ध धर्म के इतिहास में गौतम बुद्ध के बाद दूसरा नाम अशोक का आता है
प्लीट के अनुसार अशोक का धम्म राजधर्म था


बराबर की पहाड़ियों में अशोक ने आजीविका के निवास हेतु सुदामा गुफा ,विश्व झोपड़ी तथा कर्ण चोपर नामक 3  गुफाओं का निर्माण कराया।

अशोक की तुलना विश्व इतिहास की विभूतियों में कास्टेटइन ,टेटोनियस ,सेंटपॉल और नेपोलियन के साथ कि जाति है।

232 ईसा पूर्व में अशोक महान की मृत्यु हो जाती है और उसके बाद कुणाल, दशरथ ,संप्रति ,देवबर्मन और बृहदत्त मौर्य साम्राज्य की गद्दी पर विराजमान होते हैं।

कुणाल अशोक की पत्नी पद्मावती का पुत्र था और दशरथ मौर्य अशोक के पौत्र थे जिन्होंने आजीवक सम्प्रदाय के  अनुयायियों को नागार्जुन की पहाड़ी पर "लोमश ऋषि" तथा "गोपिका गुफा" दान दी  ।
संप्रति दशरथ मौर्य का चचेरा भाई था
वहदत अंतिम मौर्य शासक था जिसकी सेनापति पुष्यमित्र शुंग ने 185 ईसा पूर्व में उसकी हत्या कर एक नया साम्राज्य शुंग साम्राज्य की स्थापना।


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